Chandrayaan 2 का Vikram Lander soft landing के लिए तय की गयी जगह की तरफ बढ़ रहा था. इस दौरान कुछ ही मिनटों में उसकी speed 6 किलोमीटर प्रति सेकंड से 7 किलोमीटर प्रति घंटा लाई जानी थी.
Lander की speed घटाने के लिए दो method use किए गए। Rough Braking and Fine Braking. जब Vikram Lander high altitude पर था तो उसकी Rough braking की गयी. इसका मतलब होता है ज़ोर से brake लगाना. Moon के surface से लगभग 2.5 किलोमीटर पहले तक इसका use किया गया.
फिर की गयी Fine Braking . यानी धीमे धीमे brake लगाना. जिससे desired speed मिल जाए . ये पूरा काम केवल 38 सेकंड में होना था. मगर इस phase के शुरू होने के 400 मीटर के अंदर ही signal आने बंद हो गए. और रास्ता बदल गया.
यहाँ अब 2 possibilities थी Lander Crash कर जाए. यानी accident. यानि Lander टूटकर बिखर जाए.
दूसरा Lander hard landing कर जाए. यानी surface तक पहुंचे. लेकिन जैसे तय हुआ था धीरे धीरे वैसे नहीं. मगर धड़ाम से भी नहीं.
Vikram Lander को 60 मीटर से गिरने पर crash Landing के लिए तैयार किया गया था. मगर विक्रम तो 2100 मीटर से गिरा.
ISRO ने हिम्मत नहीं हारी है . Lander से contact करने की कोशिश कर रहे हैं. Orbiter के सहारे Lander से contact करने की कोशिश की जा रही है , जो successfully moon orbit में घूम रहा है.
इसी से निकलकर Vikram lander moon surface के लिए रवाना हुआ था. Orbiter में high resolution कैमरे लगे हुए हैं.
इन कैमरों ने Lander की thermal image खींची है. इसरो स्टेशन ने इनका विश्लेषण किया. फिर जानकारी आई. कि moon surface पर Vikram lander मौजूद है और इसके भीतर रखा pragyaan rover अभी बाहर नहीं निकला है.
Vikram lander moon surface पर टेढ़ा पड़ा है. लेकिन ये टूटा नहीं है. चुनौती ये है कि इससे contact establish हो जाए.
Credit - ISRO
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