भारत- रुस संबंधों को नया आयाम देने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी रूस यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर रुस के दौरे पर हैं । बुधवार को उन्होंने मॉस्को में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की
भारत- रुस संबंधों को नया आयाम देने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी रूस यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर रुस के दौरे पर हैं । बुधवार को उन्होंने मॉस्को में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की । दोनों नेताओं ने आपसी हित के क्षेत्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की।
विदेश मंत्री बनने के बाद यह उनकी पहली रूस यात्रा है। चार सितंबर से छह सितंबर तक रूस के व्लादिवोस्तक में ईस्टर्न इकनॉमिक फोरम का आयोजन होगा जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि होंगे।जयशंकर और लावरोव ने प्रधानमंत्री की यात्रा तथा दोनों देशों के बीच 20वें वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन की तैयारियों का जायजा लिया। इससे पहले विदेश मंत्री ने मॉस्को के थिंकटैंक और 2004 में स्थापित विचार मंच 'वालडाई डिस्कशन क्लब' में तमाम मसलों पर विस्तार से बात रखी । उन्होंने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र भारत और विश्व के लिये बेहद अहम है। उन्होंने कहा कि बदलती दुनिया से नई अवधारणा और दृष्टिकोण सामने आये हैं और हिंद-प्रशांत उनमें से एक है। पाकिस्तान के मसले पर उन्होंने कहा कि वो आतंकवाद को डिप्लोमैटिक टूल के रुप में इस्तेमाल करता है ।
इधर दिल्ली में भारत में रूस के राजदूत निकोलाई कुदाशेव ने पीएम की यात्रा के संबंध में एक प्रेस कांफ्रेंस की । उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रूस यात्रा से दोनों देशों के पहले से प्रगाढ़ संबंधों में एक नये अध्याय की शुरूआत होगी । कुदाशेव ने कहा कि दोनों पक्ष रक्षा, कारोबार, असैन्य परमाणु क्षेत्र, ऊर्जा, हाइड्रो कार्बन सहित अनेक क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने के बारे में व्यापक चर्चा करेंगे ।
जम्मू कश्मीर की स्थिति के बारे में उन्होंने कहा कि रूस संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त करने के बारे में भारत के रुख का मजबूती से समर्थन करता है।
रूसी राजदूत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के बीच शिखर बैठक के दौरान दोनों देश के मध्य आपसी सहयोग के नये आयाम पर चर्चा होगी ।
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